निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
व्यायाम का महत्व
वर्तमान समय में विज्ञान के विकास ने मानव को अत्याधुनिक सुविधाएँ सुलभ करा दी हैं। विज्ञान और तकनीकी ने अपने नए-नए आविष्कारों के द्वारा मानव के दैनिक जीवन के कार्यों को करने के लिए अनगिनत मशीनें निर्मित कर दी हैं। ये मशीनें लोगों के काम को आसान बनाती हैं और उनके प्रयोग से समय की बहुत बचत होती है। परंतु इन मशीनों के आने से लोग अपने दैनंदिन जीवन के छोटे से छोटे कार्यों के लिए भी इनका प्रयोग करते हैं। परिणामस्वरूप लोग शारीरिक कार्य करना कम कर देते हैं। लोगों में आलस्य बढ़ जाता है। उनके शारीरिक कार्य करने की मात्रा कम होती जाती है।
इसका नतीजा यह होता है कि प्रत्येक मनुष्य के शरीर को प्रतिदिन जितने परिश्रम की आवश्यकता
होती है लोग उससे कहीं कम परिश्रम करते हैं। इसका सीधा-सीधा प्रभाव उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। शरीर की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं। कार्य करने की क्षमता घटने लगती है।मनुष्य हर समय थकान का अनुभव करता है। इसका प्रभाव मन पर भी पड़ने लगता है। लोगों में उत्साह कम होने लगता है, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है फलस्वरूप जीवन में आगे बढ़ने और प्रगति करने की गति धीमी हो जाती है।
यही नहीं लोग अनेक प्रकार के रोगों के शिकार हो जाते हैं। उनका समय और पैसा दवाइयों और इलाज पर व्यय होने लगता है। इन सबका एक बहुत सहज और सरल उपाय है व्यायाम और सभी इससे परिचित भी हैं। प्रतिदिन किया गया कम से कम 30 मिनट का व्यायाम मनुष्य को इन सभी गंभीर परिणामों से बचा सकता है। यह कोई कठिन कार्य भी नहीं है, प्रत्येक आयु का मनुष्य अपनी आयु और शारीरिक अवस्था के अनुसार व्यायाम कर सकता है। प्रतिदिन सुबह या शाम को टहलना भी एक प्रकार का व्यायाम है। इसके अलावा योग-अभ्यास, विभिन्न प्रकार की कसरतें, जिम में जाकर मशीनों पर व्यायाम आदि कई प्रकार के व्यायाम किए जा सकते हैं। शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति दौड़ना, तैरना, साइकिल चलना जैसे व्यायाम कर सकता है।।
व्यायाम करने से शरीर के सभी अंगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। व्यायाम करते समय ली गई तेज साँसों से फेफड़े और हृदय मजबूत होते हैं। साँसों से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन शरीर में प्रवेश करती है। व्यायाम के समय शरीर में रक्त का संचार बढ़ जाता है और ऑक्सीजन शरीर के सभी अंगों और कोशिकाओं तक पहुँच जाती है। इस कारण कोशिकाओं को शक्ति मिलती है और उनमें शरीर के रोगों से लड़कर उन्हें हराने की क्षमता बढ़ती है। शरीर की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं उनमें लचीलापन आता है। व्यायाम करने से शरीर में कार्य करने, रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है और जब शरीर में ऊर्जा बड़ती है तो मन में भी उत्साह का संचार होता है। एक स्वस्थ शरीर में ही तो स्वस्थ मन निवास करता है। इस कारण आज के तनाव युक्त जीवन में हर किसी को चाहे वह विद्यार्थी हो या वयस्क या वृद्ध, सभी को प्रतिदिन अपने जीवन में व्यायाम को विशेष स्थान देना चाहिए क्योंकि व्यायाम ही स्वस्थ, रोग मुक्त शरीर और सफल जीवन को पाने का मूल मंत्र है।
प्रश्न
(क) विज्ञान की आधुनिक मशीनों का क्या लाभ लोगों को हुआ है?
(ख) शारीरिक परिश्रम की कमी का लोगों के शरीर और मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(ग) इस समस्या का क्या सरल उपाय है और उसे जीवन में कैसे अपनाया जा सकता है?
(घ) व्यायाम का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(ड.) दैनिक व्यायाम किसे-किसे करना चाहिए और क्यों?
अपठित गद्यांश
अपठित गद्यांश के
प्रश्नों के उत्तर लिखते समय अपने शब्दों का प्रयोग करें।
प्रश्नों के उत्तर छोटे होने चाहिए और भाषा सरल होनी चाहिए।
गद्यांश को एक से दो बार ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।
गद्यांश को दूसरी बार पढ़ने से पहले सभी प्रश्नों को एक बार पढ़ें।
“अपठित गद्यांश नए-नए शब्दों को सीखने, विचारों को व्यक्त करने और शुद्ध वाक्य रचना करने में सहायक होते हैं। ”