निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
प्रातःकाल
प्रातःकाल का समय, वह समय होता है जब सूरज की पहली-पहली किरणें धरती पर आती हैं। इस समय को सभी बहुत विशेष समय मानते हैं। प्रातः काल कई कारणों से एक विशेष समय है। अगर
प्रकृति को देखें तो पूरी प्रकृति में इस समय आनंद और उत्साह भरा होता है। तरह-तरह
के पंछी अपनी-अपनी आवाज में चहचहाने लगते हैं। जैसे कि गीत गाकर आने वाली नई सुबह का
स्वागत कर रहें हों। एक ठंडी मीठी हवा प्रातःकाल में चलने लगती है। कई तरह के फूल
खिलने लगते हैं और उनकी मधुर सुगंध चारों तरफ फैल जाती है।
प्रातःकाल रंगों का भी समय होता है। जब सूर्य का लाल गोला धीरे-धीरे दिखाई देता है तो आकाश
में लाल, पीले, नारंगी रंग बिखर जाते हैं। उन्हें देखकर लगता है जैसे किसी ने ब्रश से आकाश पर रंग बिखेर दिए हों। गाँवों के लोग भी प्रातःकाल उठकर अपने-अपने कामों में लग जाते हैं।
शहर में रहने वाले लोगों को प्रातः काल के इस सुंदर समय का लाभ नहीं मिलता। शहर में लोग प्रायः
देर रात तक जागते हैं। वे सुबह जल्दी नहीं उठ पाते और प्रातः काल का लाभ नहीं ले पाते। डॉक्टर और वैज्ञानिकों के अनुसार यह समय स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा समय होता है। प्रात:काल प्रकृति के बीच टहलने और व्यायाम करने से शरीर तो स्वस्थ होता ही है, मन भी शांत होता है और हमारे काम करने या पढ़ाई करने की क्षमता बढ़ती है।
प्रश्न:
(क) प्रातःकाल किस समय को कहते हैं?
(ख) प्रातःकाल पंछी क्या करते हैं ?
(ग) प्रातःकाल कौन-कौन से रंग दिखाई देते हैं और कहाँ ?
(घ) शहर में रहने वाले लोगों को प्रातः काल का लाभ क्यों नहीं मिलता?
(ड.) प्रातःकाल स्वास्थ्य के लिए अच्छा समय क्यों होता है?
अपठित गद्यांश
अपठित गद्यांश के
प्रश्नों के उत्तर लिखते समय अपने शब्दों का प्रयोग करें।
प्रश्नों के उत्तर छोटे होने चाहिए और भाषा सरल होनी चाहिए।
गद्यांश को एक से दो बार ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।
गद्यांश को दूसरी बार पढ़ने से पहले सभी प्रश्नों को एक बार पढ़ें।
“अपठित गद्यांश नए-नए शब्दों को सीखने, विचारों को व्यक्त करने और शुद्ध वाक्य रचना करने में सहायक होते हैं। ”