Sameer ki Pahar yatra-Unseen Passage in Hindi

अपठित गद्यांश

अपठित गद्यांश - Class 6,7,8

Unseen passages in Hindi for class 6, Class 7, Class 8, Class 9, Class 10 with Questions.

निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

समीर की पहाड़ यात्रा

समीर के माता-पिता ने तय किया कि इस बार की गर्मी की छुट्टियों में वे सभी पहाड़ की यात्रा पर जाएँगे। समीर यह सुनकर बहुत खुश हुआ। उसे बहुत समय से हिमालय के पहाड़ों को देखने की बहुत इच्छा थी।समीर को चित्र बनाना अच्छा लगता है। वह चित्रकारी में कई प्रतियोगिताओं पुरस्कार भी जीत चुका है। वह हिमालय के पहाड़ों को अपनी आँखों से देखकर उनका चित्र बनाना चाहता था। घर में पहाड़ों की यात्रा की तैयारियाँ आरंभ हो गई। पिताजी रेल के टिकट और होटल की बुकिंग करने लगे और माँ ऊनी स्वेटर खरीदने लगीं। इन सभी तैयारियों और यात्रा की बात-चीत से समीर और उसकी बहन मीना बड़ेउत्साहित होते थे पर दोनों का ध्यान इस समय अपनी-अपनी फाइनल की परीक्षाओं पर था। आखिर वह समय आ ही गया जब समीर अपने परिवार के साथ ट्रेन में बैठ कर हिमालय की ओर जा रहा था।

दो दिनों की ट्रेन की यात्रा के बाद वे उस स्टेशन पर पहुँचे जहाँ से उन्हें चार घंटे की यात्रा कार से करनी थी। वे सभी जल्दी से नाश्ता करके कार में बैठ गए। समीर कार की खिड़की के पास बैठ कर ध्यान से देख रहा था कि पहाड़ कब दिखाई देंगे? करीब एक घंटे बाद पहाड़ दिखाई देने लगे। पहले रास्ते के दोनों तरफ दिखाई दिए बड़े-बड़े पेड़, जिनकी ऊँचाई देखने के लिए पूरी गर्दन उठा कर देखना पड़ रहा था। इसके बाद आई एक पहाड़ी नदी, जो रास्ते के साथ-साथ कल-कल करती हुई बह रही थी। समीर को लगा जैसे कि नदी उसका स्वागत कर रही है। धीर-धीरे गाड़ी और ऊँचाई की ओर बढ़ने लगी। अब समीर को हरे-भरे पहाड़ों की शृंखला दिखने लगी। समीर मुग्ध होकर देख रहा था। प्रकृति का इतना सुंदर रूप उसने कभी नहीं देखा था। उनकी कार पहाड़ी रास्तों पर चल रही थी जिसके एक तरफ पहाड़ था और दूसरी तरफ खुली घाटी थी। घाटी के चारों तरफ हरे पेड़ों से ढके पहाड़ों की कतारें थीं दूर से किसी पहाड़ पर धूप बिखरी थी दिखाई दे रही थी तो किसी पहाड़ को बादलों ने ढक रखा था। हवा में एक ऐसी ताजगी थी जिसे शहर में रहने वाले समीर ने आज तक महसूस नहीं किया था।

थोड़ी देर बाद हिमालय के बर्फीले पहाड़ों की चोटियाँ दिखाई देने लगीं। उन्हें देखकर समीर सब कुछ

भूल गया और मंत्र-मुग्ध होकर चुपचाप उन्हें देखने लगा। उसे ऐसा लग रहा था कि ये पहाड़ बहुत गंभीरता से सर उठाकर खड़े हैं और उनके सामने सभी लोग छोटे बच्चों के समान हैं। समीर ने देखा कि उसके परिवार के सभी लोग यहाँ तक कि हर समय बातें करने वाली उसकी बहन मीना भी चुप-चाप हिमालय की विशाल चोटियों को देख रही है। समीर को विश्वास हो गया कि पहाड़ की इस यात्रा को वह कभी भी नहीं भूलेगा और अब उसके चित्रों में पहाड़ बहुत ही सजीव और सुंदर बन सकेंगे।

प्रश्न:

(क) समीर क्या जानकर खुश हुआ ? वह पहाड़ों पर क्यों जाना चाहता था ?                             

(ख) उसके माता-पिता क्या तैयारियाँ करने लगे ?                                          

(ग) कार की यात्रा दिखने वाले पेड़ कैसे थे ?  नदी को देखकर समीर को क्या लगा ?                      

(घ) हरे भरे पहाड़ों कौन सा सुन्दर रूप समीर को दिखा ?                                        

(ड.) हिमालय के बर्फीली चोटियों का समीर और उसके परिवार पर क्या प्रभाव पड़ा ?                          


अपठित गद्यांश

TIPS & TRICKS

अपठित गद्यांश के

प्रश्नों के उत्तर लिखते समय अपने शब्दों का प्रयोग करें।

प्रश्नों के उत्तर छोटे होने चाहिए और भाषा सरल होनी चाहिए।

गद्यांश को एक से दो बार ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।

गद्यांश को दूसरी बार पढ़ने से पहले सभी प्रश्नों को एक बार पढ़ें।

“अपठित गद्यांश नए-नए शब्दों को सीखने, विचारों को व्यक्त करने और शुद्ध वाक्य रचना करने में सहायक होते हैं। ”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *