Our Story
आप सभी का हमारी इस वेबसाइट पर हार्दिक स्वागत है। आपका प्रेम और सहयोग हमारे उत्साह तथा परिश्रम का परिपूरक होगा तथा यह विश्वास पूर्वक सफलता की ओर अग्रसर होने में हमारी सहायता करेगा।यह कह सकते हैं कि शिक्षा ज्ञान का आधार होती है और ज्ञान मानवता के विकास का।
मैंने ज्ञान की खोज में शिक्षा का मार्ग चुना। हिंदी की स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त कर मैंने शिक्षक की पदवी को ही अपना परिचय बनाया। एक लेक्चरर के रूप में कॉलेज तथा विश्वविद्यालय की परिसीमा में मेरी जो भूमिका रही उसने साहित्य के गहनतम रूपों में प्रवेश करने तथा आंतरिक रुप से सम्मिलित होने का अवसर मुझे प्रदान किया। स्कूल में एक शिक्षक के रूप में मैंने उसी ज्ञान को सहजतम और सरलतम रूप में विद्यार्थी तक पहुंचाने की कला सीखी। विभिन्न बोर्ड के अंतर्गत कार्य करने का मुझे अनुभव रहा जिसने मुझे पाठ्यक्रम तथा शिक्षा को विभिन्न रूप से ग्राह्य बनाने का कौशल सिखाया। एक बोर्ड एग्जामिनर के रूप में कक्षा में प्राप्त की गई शिक्षा के मूल्यांकन तथा संक्षेप में अधिकतम तथ्यों को कहने की सटीक कुशलता की ओर मेरा ध्यान आकर्षित हुआ। शिक्षा का मूल्यांकन, एक विद्यार्थी के लिए तभी आकर्षक बनता है जब वह उसमें अपनी क्षमता तथा परिश्रम के आधार पर अधिकतम अंक प्राप्त कर सके। इसे हम शिक्षा का गलत मूल्यांकन नहीं कह सकते अगर हम इस बात का ध्यान रखें कि एक सर्वश्रेष्ठ कविता में कवि का एक-एक शब्द कई-कई पृष्ठों को समाहित किए हुए होता है। इस सत्य का अनुभव मुझे तब भी होता है जब अनुवाद करने के लिए किसी पुस्तक या नाटक आदि को लेकर मैं बैठती हूँ। अनुवाद की प्रक्रिया आपको यह बताती है कवि या लेखक के द्वारा चुना गया एक एक शब्द उसकी अभिव्यक्ति की शैली तथा प्रभावोत्पदकता के माध्यम के रूप में कितना महत्व रखता है। कितना कठिन है जब आप किसी एक भाषा के कवि के बनाए हुए शब्द चित्र को दूसरी भाषा में यथास्वरूप परिवर्तित करने का प्रयास करें।
इन कई वर्षों के मेरे अनुभव तथा हिंदी के प्रति मेरे प्रेम में ने मुझे कई रूपों में समृद्ध किया। मैंने हिंदी की शिक्षा को सभी उम्र तथा भाषाओं के विद्यार्थियों के लिए ग्रहण योग्य बनाने का प्रयास किया। विषय वस्तु तथा लेखन विधा के चयन में विषय की समृद्धि, गहनता तथा विभिन्नता की ओर मेरी दृष्टि रही। आधुनिक शिक्षा में कौशल का विकास उसका एक महत्वपूर्ण अंग है जिसका समावेश आज की हिंदी की शिक्षा में किया जा चुका है। विषय और लेखन विधा में इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि वह विद्यार्थी की किस कौशल क्षमता का विकास करती है क्योंकि उसे अपने जीवन में स्वयंनिर्भर होने के लिए इन कौशलों की आवश्यकता पड़ती है। परिणामोन्मुखता अथवा परिणाम केंद्रीयता परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए एक अनिवार्यता है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस पक्ष की ओर भी सदैव मैंने अपनी दृष्टि रखी ताकि एक विद्यार्थी अपने परीक्षा के परिणामों में अपनी योग्यता तथा परिश्रम के अनुरूप अधिकतम अंक प्राप्त कर सके। बदलते समय के साथ हिंदी शिक्षा के जगत में भी नवीनतम शिक्षा पद्धतियों, प्रयोगों तथा अवधारणाओं का समावेश हो रहा है। इस बदलते परिप्रेक्ष्य के अनुरूप निरंतर परिवर्तन तथा विकास को मैंने सदा स्वीकार किया और उसके अनुरूप संशोधन अपनी शिक्षा पद्धति में मैंने किए। यह कह सकते हैं कि शिक्षा ज्ञान का आधार होती है और ज्ञान मानवता के विकास का।
यह वेबसाइट इन्हीं अनुभवों का एक निचोड़ है। हिंदी के प्रति मेरे प्रेम ने मुझे हिंदी सीखने के इच्छुक विद्यार्थियों के करीब पहुंचाया जहां विभिन्न तरह के सिलेबस तथा बोर्ड से मेरा परिचय हुआ। ये सभी बाहरी रूप से भिन्न दिखने पर भी आंतरिक रुप से हिंदी भाषा और साहित्य की मूल विचारधारा को लेकर चलते हैं। हिंदी की उच्च शिक्षा की विद्यार्थी होने के नाते ये विभिन्नताएं मुझे भ्रमित नहीं कर पाती।
शिक्षा की ओर मेरा दृष्टिकोण दो प्रकार का रहा है। एक तो भाषा की व्यवहारिक शिक्षा जिसकी आवश्यकता प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं 2 से 10 तक रहती है। जहाँ हिंदी का शाब्दिक, व्याकरणिक तथा भाषिक ज्ञान सीखना जरूरी है। यहाँ पर शिक्षा का प्रयोग सरल, विषयानुरूप और सहज होना चाहिए। प्रारंभिक शारीरिक और मानसिक विकास के चरणों में विद्यार्थी सरलता एवं सहजता से दिए गए ज्ञान को जानकारी को आसानी से ग्रहण कर लेता है। व्याकरण और भाषा ज्ञान को इसी कारण सरलतम तथा आकर्षक रूप में उन तक पहुंचाना मेरी प्राथमिकता रही है।
हिंदी शिक्षा का दूसरा आयाम है मानसिक विकास का। इसे हम लेखन कला के विकास के रूप में भी देख सकते हैं। माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक कक्षाओं में लेख, कहानी, कविता के माध्यम से नैतिक, व्यक्तिगत और सामाजिक मूल्यों से विद्यार्थी का परिचय होता है। उनके आसपास के जीवन और चरित्रों के माध्यम से एक चिंतन क्षमता के विकास की कोशिश की जाती है। निबंध, गद्यांश, पत्र आदि लेखन कलाएँ इसी विकास में सहायक होती हैं। एक विद्यार्थी विभिन्न व्यक्तिगत, सामाजिक विषयों पर अपने और दूसरों के दृष्टि कोणों का परीक्षण करता है तथा साथ ही साथ अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए शब्दों के चयन एवं भाषा की शैली पर ध्यान केंद्रित करना सीखता है। यह प्रक्रिया उसकी चिंतन शक्ति और अभिव्यक्ति की क्षमता का विकास कर सके इस लक्ष्य की ओर मैंने सदैव अपना ध्यान केंद्रित रखा।
यहाँ पर हमने इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी, पाठक, शिक्षक तथा हिंदी प्रेमी सुधिजनों के लिए एक ऐसे प्रयास की कोशिश की है जो सभी को लाभान्वित कर सके। प्राथमिक रूप में हिंदी शिक्षा से जुड़े कई पहलुओं को समन्वित करने का प्रयास किया गया है जिनमें और भी अधिक विकास भविष्य में किया जाएगा। इसका उपयोग करने वाले और इससे जुड़ने वाले सभी पाठकों का मार्गदर्शन तथा आवश्यकता की ओर हमारा सदैव ध्यान रहेगा। आप सभी के प्रेम और सहयोग की कामना से इस यात्रा का शुभारंभ किया जा रहा है। धन्यवाद।