Forest man-Unseen Passage in Hindi
फॉरेस्ट मैन-अपठित गद्यांश
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
फॉरेस्ट मैन
जादव मोलाई पायंग नाम का 14 वर्ष का एक लड़का आसाम राज्य के माजूली नामक द्वीप पर रहता था। द्वीप को अंग्रेजी में आइलैंड भी कहते हैं। माजूली द्वीप ब्रह्मपुत्र नदी में बसा है। ब्रह्मपुत्र नदी में हर साल बाढ़ आती और हर साल द्वीप की मिट्टी और पेड़ बहा कर ले जाती। धीरे-धीरे पूरे द्वीप में बस रेत ही रेत दिखाई देने लगी। 1979 में भी एक बाढ़ माजूली पर आई और अपने साथ पूरी मिट्टी और पेड़ बहा कर ले गई। जादव ने देखा मिट्टी के नीचे रहने वाले सैकड़ों साँप बाहर पड़े थे। वे मिट्टी और पानी के बिना कड़ी धूप में गर्मी से मर गए ।
उन्हें देखकर जादव बहुत दुखी हुआ। उसे लगा कि बिना पेड़ और मिट्टी के हम सभी का यही हाल होगा।उसे पता था कि पेड़ की जड़ें मिट्टी को कसकर पकड़ कर रखतीं है इसलिए नदी मिट्टी को बहाकर नहीं ले जा सकती। उसने निश्चय किया कि वह पेड़ लगाएगा। उसके पास बांस के पेड़ों के 20 बीज थे। उसने धरती में गड्डा खोदकर वे बीज लगा दिए और पानी देकर उन्हें बड़ा किया। उसके बाद तो बस यही उसके जीवन का लक्ष्य बन गया। वह बिना किसी कीमदद के पेड़ लगाता गया। उसकी लगन और मेहनत रंग लाई और बीस वर्षों में वहाँ 550 एकड़ का एक जंगल बन गया। उस जंगल में 5 हजार पेड़ हैं और वहाँ हिरण, हाथी, बाघ, खरगोश जैसेजानवर और बहुत तरह के पक्षी रहते हैं। उस जंगल का नाम जादव मोलाई के नाम पर मोलाई जंगल पड़ गया है। जादव मोलाई को भारत सरकार ने भारत का फॉरेस्ट मैन घोषित किया। एकअकेला मनुष्य भी अपनी लगन और मेहनत से कुछ भी कर सकता है।
प्रश्न
(क) जादव मोलाई कितने साल का था और वह कहाँ रहता था?
(ख) ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ आने से माजूली द्वीप पर क्या असर हुआ?
(ग) जादव मोलाई क्या देखकर दुखी हुआ?
(घ) उसने कैसे पेड़ लगाना शुरू किया?
(ड.) आज वह जंगल कैसा है और उसका क्या नाम है?
अपठित गद्यांश
अपठित गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर लिखते समय अपने शब्दों का प्रयोग करें।
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प्रश्नों के उत्तर छोटे होने चाहिए और भाषा सरल होनी चाहिए।
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गद्यांश को एक से दो बार ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।
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गद्यांश को दूसरी बार पढ़ने से पहले सभी प्रश्नों को एक बार पढ़ें।
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अपठित गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर पूछे गए प्रश्नों के अनुसार ही लिखने का प्रयास करें।
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“अपठित गद्यांश नए-नए शब्दों को सीखने, विचारों को व्यक्त करने और शुद्ध वाक्य रचना करने में सहायक होते हैं। ”