Niraj ki gold fish-Unseen Passage in Hindi
नीरज की गोल्ड फिश-अपठित गद्यांश
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
नीरज की गोल्ड फिश
नीरज क्लास 6 में पढ़ रहा था जब कोरोना की बीमारी फैलने के कारण लॉकडाउन लग गया, स्कूल बंद हो गएऔर बाहर जाकर दोस्तों के साथ खेलना भी बंद हो गया। पहले तो नीरज को लगा कि यह तो छुट्टी मनाने जैसा है पर थोड़े दिनों बाद ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई। अब नीरज को उसके मित्र और सहपाठी कैमरे में ही मिलते थे। नीरज को चित्र बनाने का शौक था। अपने खाली समय में वह तरह-तरह की मछलियों के चित्र बनाता था। उसे पानी में तैरती कई तरह के रंगों और पंखों वाली मछलियाँ देखना बहुत अच्छा लगता है।
स्कूल न जाने और दोस्तों से न मिलने का समय महीनों हो गया क्योंकि कोरोना की बीमारी बार-बार फैल
रही थी। धीरे-धीरे नीरज उदास रहने लगा, पढ़ाई में भी अब उसका मन नहीं लग रहा था।उसके माता-पिता यह देखकर चिंतित हो गए। वे समझ गए कि अकेले रहने और दिन भर कंप्यूटर के सामने बैठे रहने के कारण नीरज उदास होता जा रहा था। एक दिन नीरज के पिताजी उसे पालतू मछलियों की दुकान में ले गए। इस दुकान से लोग मछलियाँ खरीद कर अपने घर में ले जाकर पालते हैं। वहाँ जाकर नीरज के चेहरे पर खुशी दिखाई देने लगी। वहाँ पर अलग-अलग रंगों की छोटी बड़ी कई तरह की मछलियाँ थीं। नीरज कभी एक तरह की मछलियों को देखता तो कभी दूसरी तरह की।
उसके पिताजी और दुकानदार मुसकुराते हुए उसकी खुशी और भाग-दौड़ देख रहे थे। पिताजी ने उसे पास बुलाया और कहा-“नीरज क्या तुम मछलियाँ पालोगे?” नीरज ने आश्चर्य से पिताजी की ओर देखा, वह कब से उनसे कह रहा था कि उसे गोल्ड फिश पालनी है और आज उसकी यह इच्छा अपने-आप पूरी होने जा रही थी। उसने जोर-जोर से हाँ में सर हिलाया। दुकानदार ने पिताजी के कहने पर नीरज की पसंद की दो लाल रंग की गोल्ड फिश को एक अलग किया। साथ ही उन्हें रखने के लिए कांच का एक बाक्स भी दिया जिसे एकयोरियम भी कहते हैं। फिर उसने बताया कि कैसे इन गोल्ड फिश को खाना देना है, कैसे पानी को हल्का गरम रखना है और कैसे पानी को हमेशा साफ रखना है ताकि उसमें गोल्ड फिश आसानी से और आराम से रह सके। नीरज ने यह सब कुछ करने का वादा किया आखिर उसे दो नए दोस्त मिल गए थे और उनकी देखभाल तो वह बहुत सावधानी से करेगा। अब नीरज की उदासी खत्म हो गई थी। जब वह ऑनलाइन पढ़ाई करता तो पास के टेबल केएकयोरियम से उसके दो मित्र बीच में आकर उसे देख लेते और उन्हें देखकर नीरज के चेहरे पर मुस्कान आ जाती। ।
प्रश्न
(क) लॉकडाउन क्यों लगा और नीरज को क्या लगा?
(ख) ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होने पर क्या हुआ?
(ग) नीरज उदास क्यों हो गया?
(घ) कहाँ जाकर और क्या देखकर नीरज के चेहरे पर खुशी आ गई?
(ड.) नीरज ने क्या खरीदा और उसे दुकानदार ने क्या-क्या बताया?
अपठित गद्यांश
अपठित गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर लिखते समय अपने शब्दों का प्रयोग करें।
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प्रश्नों के उत्तर छोटे होने चाहिए और भाषा सरल होनी चाहिए।
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गद्यांश को एक से दो बार ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।
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गद्यांश को दूसरी बार पढ़ने से पहले सभी प्रश्नों को एक बार पढ़ें।
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अपठित गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर पूछे गए प्रश्नों के अनुसार ही लिखने का प्रयास करें।
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“अपठित गद्यांश नए-नए शब्दों को सीखने, विचारों को व्यक्त करने और शुद्ध वाक्य रचना करने में सहायक होते हैं। ”