Ulkapinda-Unseen Passage in Hindi

अपठित गद्यांश

Unseen Passage

अपठित गद्यांश - Class 9,10

Unseen passages in Hindi for Class 5, Class 6, Class 7, Class 8, Class 9, Class 10 with Questions.

Ulkapnda-Unseen Passage in Hindi

उल्कापिंड-अपठित गद्यांश

निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

उल्कापिंड

उल्कापिंड अंतरिक्ष में पाए जाने वाले चट्टान या धातु के टुकड़े को कहते हैं। इसे अंग्रेजी में मीटीअरॉइड(meteoroid) भी कहा जाता है। इसका आकार एक छोटे से दाने से लेकर कई मीटर तक बड़ा हो सकता है। ज्यादातर ये उल्कापिंड क्षुद्र ग्रहों अर्थात छोट-छोटे ग्रहों के टूटने से बनने वाले टुकड़े होते हैं और कुछ उल्कापिंड बड़े ग्रहों जैसे चंद्रमा आदि के किसी टकराव से बने हैं। उल्का पिंड कई प्रकार के होते हैं जैसे खनिज और चट्टानों से बने उल्कापिंड, लोहे आदि धातु से बने उल्कापिंड और चट्टान तथा धातु दोनों को मिलाकर बने उल्कापिंड। वैसे तो अक्सर उल्कापिंड पृथ्वी की ओर आते हैं पर वे पृथ्वी की सतह तक पहुँचने से पहले ही ताप और घर्षण से नष्ट हो जाते हैं पर कुछ बड़े आकार के उल्कापिंड पृथ्वी की सतह तक पहुँचकर उसे प्रभावित करते हैं।



वैज्ञानिक दृष्टि से ये उल्कापिंड बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इनके अध्ययन से कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त होती हैं। इनसे कई बार दूसरे ग्रहों पर पाई जाने वाली नई धातु का पता चलता है। साथ ही इनके अध्ययन से ग्रहों के निर्माण और उनकी संरचना का भी ज्ञान मिलता है जिसकी अंतरिक्ष विज्ञान में एक बड़ी भूमिका है। पृथ्वी पर गिरने वाले कुछ प्रमुख उल्कापिंड जिनके बारे में लोगों को जानकारी है वे है-केप यार्क उल्कापिंड, होबा उल्कापिंड, गैंडेडो उल्कापिंड, एल चाको उल्कापिंड आदि । इनका नाम अधिकतर उस स्थान के नाम पर रखा गया है जहाँ पर ये गिरे थे। इनमें केप यार्क का वजन है 582 टन और होबा का वजन है 66 टन। केप यार्क ग्रीनलैंड में, होबा नामीबिया में और एल चाको तथा गैंडेडो अर्जेन्टीना में गिरे थे।



इनके गिरने से कभी-कभी पृथ्वी पर बहुत विनाश होता है। उल्कापिंड अगर आकार में बहुत बड़े हों तो इनके टकराने से बहुत बड़ा भूकंप आ सकता है। जिस स्थान पर ये गिरते हैं वहाँ बड़ी तबाही हो सकती है। बड़े उल्कापिंड के गिरने से बनने वाले कई बड़े गड्ढे जिन्हें क्रेटर भी कहते हैं पृथ्वी पर पाए जाते हैं। एक वैज्ञानिक राय के अनुसार पृथ्वी पर डायनासोर का अंत एक विशाल उल्कापिंड के गिरने से हुआ था। इसके गिरने से इतना बड़ा भूकंप आया कि उसके कारण एक के बाद एक ज्वालामुखी विस्फोट होना शुरू हो गए और उनके कारण बनने वाले राख, गैस और धूल के बादलों से पृथ्वी का 75% जीवन नष्ट हो गया। उल्कापिंडों के गिरने का खतरा आज भी बना है पर वैज्ञानिक पृथ्वी पर पहुँचने से पहले उन्हें नष्ट कर देने के उपायों की खोज में लगे हैं।



प्रश्न

(क)उल्कापिंड किसे कहते है और ये क्या होते हैं?

(ख)उल्कापिंड कितने प्रकार के होते हैं?

(ग)उल्कापिंड महत्वपूर्ण क्यों होते हैं?

(घ)पृथ्वी पर गिरने वाले कुछ प्रमुख उल्कापिंड के बारे में बताइए।

(ड.)उल्कापिंड से क्या-क्या खतरे होते हैं?


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“अपठित गद्यांश नए-नए शब्दों को सीखने, विचारों को व्यक्त करने और शुद्ध वाक्य रचना करने में सहायक होते हैं। ”

HINDI UNSEEN PASSaGES

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