निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
फूलों का मेला
कविता के पिताजी को फूलों का बहुत शौक था। उन्होंने घर की बालकनी में और छत पर बहुत सारे फूलों के पौधे लगा कर रखे थे। वे हमेशा उनकी देखभाल किया करते थे। वे उन पौधों में रोज पानी देते थे। महीने में एक बार उनकी मिट्टी को खुरद कर नरम कर देते थे। वह कहते थे कि अगर मिट्टी नरम हो पेड़ों की जड़ें स्वस्थ रहती हैं। वे कविता को साथ लेकर जाते और पौधों के लिए खाद और दवाइयाँ भी लेकर आते। वैसे तो उनके पास बहुत तरह
के फूलों के पौधे थे पर उनके गुलाब के पौधों की तो बात ही कुछ अलग थी। कविता के पिताजी के लाल गुलाब इतने बड़े और इतने सुंदर थे कि पिताजी को उनके लिए पुरस्कार भी मिल चुका था। कविता आज पिताजी के साथ एक ऐसे ही फूलों के मेले में आई थी। इस मेले की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पिताजी अपने खास गुलाबों के पौधे को लेकर आए थे। मेले में बस तरह-तरह के फूलों का रंग बिखरा था। लाल, नीले, पीले, गुलाबी और न जाने कितने तरह के रंगों के फूल थे। उनके रूप और आकार इतने सुंदर थे कि कविता उन्हें देख कर आश्चर्य में पड़ गई थी। पिताजी उसे बता रहे थे कि कौन का फूल पहाड़ो में खिलता है, कौन सा रेगिस्तान में, कौन सा सिर्फ जंगलों में पाया जाता है। किसी फूल की सुगंध बड़ी आकर्षक थी तो कोई दवाई बनाने के काम में आता था। कविता इन फूलोंसे इतनी प्रभावित हुई कि उसने पिताजी से कहा कि वह भी उनके साथ फूलों के पौधे लगाना चाहती है। कविता की यह बात सुनकर उसके पिताजी बहुत खुश हुए।
प्रश्न
(क) कविता के पिताजी को किसका शौक था? उन्होंने पौधे कहाँ लगाकर रखे थे?
(ख) वे उनकी देखभाल कैसे करते थे?
(ग) कविता अपने पिताजी के साथ किस मेले में गई थी? वहाँ किन रंगों के फूल थे?
(घ) पिताजी ने मेले में कविता को फूलों के बारे में क्या बताया?
(ड.) कविता की किस बात को सुनकर पिताजी खुश हुए?
अपठित गद्यांश
अपठित गद्यांश के
प्रश्नों के उत्तर लिखते समय अपने शब्दों का प्रयोग करें।
प्रश्नों के उत्तर छोटे होने चाहिए और भाषा सरल होनी चाहिए।
गद्यांश को एक से दो बार ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।
गद्यांश को दूसरी बार पढ़ने से पहले सभी प्रश्नों को एक बार पढ़ें।
“अपठित गद्यांश नए-नए शब्दों को सीखने, विचारों को व्यक्त करने और शुद्ध वाक्य रचना करने में सहायक होते हैं। ”